हार्ड डिस्क क्या है (What is Hard Disk in Hindi)
Hard Disk जिसे HDD भी कहा जाता है, एक नॉन-वोलेटाइल मेमोरी हार्डवेयर डिवाइस है. हार्ड डिस्क का काम computer data को स्थायी रूप से संग्रहित (permanently store) और पुनर्प्राप्त (retrieve) करना होता है. non-volatile device उन्हें कहा जाता है, जो कंप्यूटर में किसी भी प्रकार के डाटा को लंबे समय तक स्टोर करके रख सकती है.
अर्थात कंप्यूटर पावर ऑफ हो जाने के बाद भी डाटा सुरक्षित रखता है. Hard Disk को सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस भी कहा जाता है. यह एक कंप्यूटर केस (CPU) के अंदर मौजूद रहती है और data cables (PATA, SCSI, SATA) का उपयोग करके कंप्यूटर motherboard से जुड़ी होती है.
डिजिटल जानकारी को संग्रहित और पूर्णप्राप्त करने के लिए Hard Disk चुम्बकीय भंडारण (magnetic storage) का उपयोग करती है. इसीलिये इसे Electro-mechanical data storage device भी कहा जाता है. हार्ड डिस्क में डाटा को स्टोर करने के लिए एक या एक से अधिक गोल घूमने वाली disk (platter) लगी होती है.
प्रत्येक प्लेटर में एक बहुत पतली पट्टी होती है, जो चुम्बकीय सामग्री (magnetic material) के इस्तेमाल से बनाई जाती है. इन platters में कई सारे track और sector मौजूद रहते है और यह spindle के माध्यम से घूमते है. जब प्लेटर घूमना शुरू करता है, तो Hard Disk में लगा एक Read/Write arm इसके उप्पर दाएं से बाएं खिसकता है.
इसका काम platter से डाटा पढ़ना और डाटा लिखना होता है. जितनी गति (speed) से स्पिंडल, प्लेटर को घुमाएगा Hard Disk में डाटा उतनी ही तेजी से स्टोर होगा. इसकी गति को RPM (Revolution Per Minute) में मापा जाता है. इसका अर्थ है, प्लेटर ने एक मिनट में कितने चक्कर लगाए. अधिकतर Hard Disk 5400 RPM से 7200 RPM की होती है.
Hard Disk के प्रयोग में आने से पहले कंप्यूटर में जानकरी को संग्रहित करने के लिए floppy disk का उपयोग किया जाता था. परन्तु यह सिर्फ 3.14MB तक ही data स्टोर कर सकती थी. बल्कि इसके उलट Hard Disk कई terabytes data को स्टोर करने की capacity रखती है. प्रथम हार्ड डिस्क का अविष्कार 1956 में IBM द्वारा किया गया था और RAMAC (Random Access Method of Accounting and Control) पहली हार्ड डिस्क थी.
Hard Disk कितने प्रकार (Types) की होती है
वर्तमान में Hard Disk चार प्रकार (four types) की होती है-:
1. PATA (Parallel Advanced Technology Attachment) – ये सबसे पुराने प्रकार की हार्ड डिस्क है. इसका उपयोग पहली बार 1986 में किया गया था. PATA Hard Disk कंप्यूटर से जुड़ने के लिए ATA interface standard का उपयोग करती है. इसे पहले Integrated Drive Electronics (IDE) के रूप में संदर्भित किया जाता था. यह एक मध्यम गति की हार्ड डिस्क है, इसका data transfer rate 133MB/s तक हैै. ये ड्राइव magnetism के इस्तेमाल से data store करती है.
2. SATA (Serial Advanced Technology Attachment) – आज के अधिकतर कंप्यूटर और लैपटॉप में आपको इस प्रकार की Hard Disk मिलेगी. एक PATA drive के मुकाबले SATA Hard Disk का data transfer rate अधिक होता है. इसकी गति 150MB/s से 600MB/s तक हो सकती है. SATA cables काफी पतली और लचीली होती है, जो PATA cables के मुकाबले काफी बेहतर है. ये कई मायनों में पुरानी हार्ड डिस्क ड्राइव से बेहतर है.
3. SCSI (Small Computer System Interface) – इस प्रकार के हार्ड डिस्क कंप्यूटर से जुड़ने के लिए छोटे कंप्यूटर सिस्टम इंटरफेस का इस्तेमाल करते है. ये IDE hard drive के काफी समानांतर है. SCSI Hard Disk के नये संस्करण (16-bit ultra – 640) की data transfer speed 640 MBps तक है और यह 12 meter की लंबाई वाली cable के साथ 16 device से कनेक्ट कर सकता है.
4. SSD (Solid State Drives) – ये आज की सबसे लेटेस्ट ड्राइव में आती है. बाकी सभी Hard Disk डिवाइस के मुकाबले काफी बेहतर और तेज है. SSD डाटा स्टोर करने के लिए flash memory technology का उपयोग करती है. इसकी डाटा एक्सेस स्पीड काफी तेज होती है. इसकी कीमत एक HDD drive के मुकाबले काफी अधिक हैं
हार्ड डिस्क कितने प्रकार होती है, ये तो हमने जान लिया. अब इसके structure के बारे में थोड़ा विस्तार से समझते है. नीचे हम आपको Hard Disk के उन महत्वपूर्ण भाग (parts) के बारे में बताएंगे जिनके माध्यम से एक हार्ड डिस्क काम करती है.
हार्ड डिस्क के पार्ट्स
Hard Disk के कुछ प्रमुख घटक (components) और उनके कार्यो के बारे में नीचे निम्नानुसार दर्शाया गया है.
- MAGNETIC PLATTERS इसका एक महत्वपूर्ण भाग है, जिसमे digital information को चुम्बकीय रूप से स्टोर किया जाता है. इसमे डाटा बाइनरी फॉर्म (0 से 1) में सेव रहता है.
- READ/WRITE HEAD एक छोटा सा चुम्बक होता है, जो रिड राइट आर्म के आगे लगा होता है. यह प्लेटर के उप्पर दाएं से बाएं खिसकता है और सूचनाओं को रिकॉर्ड तथा स्टोर करने का काम करता है.
- ACTUATOR की मदद से Read-write arm घूमता है.
- READ-WRITE ARM, रीड राइट हेड का पिछला हिस्सा है, यह दोनों आपस मे जुड़े हुवे होते है.
- SPINDLE एक प्रकार की moter है, यह प्लेटर के बीच में मौजूद रहता है. इसकी मदद से ही platters घूमते है.
- CIRCUIT BOARD प्लेटर से डाटा के प्रभाव को नियंत्रित करता है.
- CONNECTOR सर्किट बोर्ड से रीड-राइट और प्लेटर तक डाटा पहुँचाता है.
- LOGIC BOARD एक प्रकार की chip होती है, जो HDD से input या output की सभी जानकारी को नियंत्रित करती है.
- HSA रीड राइट आर्म का parking area होता है.
हार्ड डिस्क के कार्य – Function of Hard Disk in Hindi
एक Hard Disk का मुख्य कार्य कंप्यूटर डाटा को हमेशा के लिए संग्रहित (स्टोर) करना है. इसलिए इसे Permanent Storage भी कहा जाता है. यह डाटा कई प्रकार का हो सकता है, जैसे आपकी personal files, documents, software os, etc. इन हार्ड डिस्क में कितना डाटा स्टोर हो सकता है, ये Hard Disk की storage capacity पर निर्भर करता है. आज आपको ऐसी हार्ड डिस्क मिल जाएगी जिनकी डाटा स्टोर करने की क्षमता gigabytes से लेकर terabytes तक है.
SSD क्या है? (SSD in Hindi)
SSD का फुल फॉर्म Solid State Drive है. इसे आप HDD (Hard Disk Drive) का रिप्लेसमेंट भी कह सकते है. इसमे डाटा को स्टोर करने के लिए flash memory का उपयोग होता है. SSD एक electromechanical drive की अपेक्षा में अधिक मजबूत होती है. इसलिए इसे solid-state device भी कहा जाता है. इस प्रकार की ड्राइव का एक्सेस टाइम बहुत अधिक होता है. ये बाकी हार्ड डिस्क की तरह आवाज नही करती है और बिना रुकावट के चलती है.
हार्ड डिस्क ड्राइव के मुकाबले यह आकार में काफी कम होती है, जिससे यह सीपीयू के अंदर कम जगह घेरती है. एसएसडी के दो प्रमुख घटक है, जो इसे बनाते है. जिसमे flash controller और NAND flash memory chips शामिल है. आज के ज्यादातर कंप्यूटर और लैपटॉप में SSD का प्रयोग होता है. यह HDD के मुकाबले एक बेहतर स्टोरेज डिवाइस है
No comments:
Post a Comment
No